आईआईटीज में नहीं मिलेगी विदेशी स्टूडेंट्स को सब्सिडी

आईआईटीजनई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आईआईटीज में विदेशी अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट स्टूडेंट्स को किसी भी तरह की फीस सब्सिडी नहीं देने का फैसला किया है। विदेशी स्टूडेंट्स को 6 लाख रुपए वार्षिक फीस देनी होगी, जबकि भारतीय स्टूडेंट्स को 3 लाख रुपए ही देने होगा।

इस संबंध में मंत्रालय की ओर से सोमवार को आदेश जारी किया गया है। इस आदेश में कहा गया है कि जेईई/गेट परीक्षाओं के माध्यम से आईआईटी में ऐडमिशन के लिए चुने गए विदेशी स्टूडेंट्स से 6 लाख रुपए वार्षिक फीस ली जाएगी। लेकिन, वे इंडियन काउंसिल ऑफ कल्चरल रिलेशंस या संस्थागत फंडिंग से प्रदान की जा रही छात्रवृत्ति का लाभ उठा सकते हैं।

मार्च में भारतीय छात्रों की फीस 90,000 रुपये वार्षिक से बढ़ाकर 3 लाख रुपये वार्षिक की गई थी। उस समय विदेशी छात्रों की फीस पर गौर करने के लिए आईआईटी के निदेशक के अधीन एक कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी ने पिछले हफ्ते अपनी रिपोर्ट जमा की, जिसमें उल्लेख किया गया है कि विदेशी छात्रों से भी उतनी ही फीस वसूली जाए, जितनी भारतीय छात्रों से वसूली जाएगी। लेकिन, एचआरडी मिनिस्ट्री का मानना था कि विदेशी छात्रों को सब्सिडी नहीं दी जाए और इसने पैनल के सुझावों को दरकिनार करने का फैसला लिया।

अगले साल से आईआईटी ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, मालद्वीप, सिंगापुर, यूएई एवं इथोपिया के छात्रों को भी दाखिला देने का फैसला किया है। इन देशों के छात्रों को जेईई (मेन) देने से छूट होगी। वे सीधे जेईई (अडवांस्ड) दे सकेंगे।

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