दुनिया में काेई भी नहीं बना सकता आंसुओं का ये र‍िकॉर्ड

लंदन। दुनिया भी अजब गजब लोगों से भरी पड़ी है। यहां हर दिन कुछ न कुछ नए शोध होते ही रहते है। इसी कड़ी में  इंग्लैंड की लीसेस्टर यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने आंसू की नदी पर  अनोखे शोध में पाया है कि विश्व के सभी लोग अगर एक साथ मिलकर रोएं, तो भी उनकी आंखों से निकलने वाले आंसू से कोई छोटी नदी भी नहीं भरी जा सकती है।

इस शोध में पता चला कि इंसान के आंसू से एक बड़ा तालाब भी भरा नहीं जा सकता है। लेकिन हां स्वीमिंग पूल को तो जरूर भरा जा सकता है।

शोध के लिए विद्यार्थियों ने अमेरिका के मोन्टाना स्थित रो नदी पर अध्ययन किया। यह दुनिया की सबसे छोटी नदी के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज है और दैनिक प्रवाह के लिए जानी जाती है। आंसू की नदी  मामले में नई जानकारियां सामने आई हैं।

 

आंसू की नदी

आंसू की नदी

विद्यार्थियों द्वारा एक गणना के माध्यम से निष्कर्ष निकाला गया है कि आंसू की एक सामान्य बूंद का घनत्व पां माइक्रोलीटर होता है और एक ओलंपिक आकार के बड़े स्वीमिंग पूल में 25 लाख लीटर पानी होता है।

तो अगर पृथ्वी पर सभी लोग आंसुओंं की 55 बूंदें गिराते हैं तो इससे एक स्वीमिंग पूल भर सकता है। इस शोध में इस निष्‍कर्ष के बाद और भी कई बातें सामने आई हैं। जो काफी मजेदार है।

इस शोध से लोगों को हंसने और रोने दोनों का मौका मिला है। मसलन दुनिया में मिलकर कोई कभी रो नहीं सकता और हंसने की बात है लोगों के एकसाथ मिलकर रोने की। खैर शोध तो शोध हैं फिर वे चाहें किसी भी विषय पर क्‍यों न हों। यह शोध ‘इंटरडिसप्लिनरी साइंसेज टॉपिक्स’ में प्रकाशित हुआ है।

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