अहमदाबाद जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद के अलीना सिटी व अहमद सिटी की भी जांच पुलिस ने कर दी शुरू

गुजरात के अहमदाबाद जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद के अलीना सिटी व अहमद सिटी की जांच भी पुलिस ने शुरू कर दी है। पुलिस अतीक, उनके छोटे भाई अशरफ और गुर्गों की भी चल व अचल संपत्ति के बारे में जानकारी जुटा रही है। अब टाउनशिप की छानबीन तेज कर दी गई है। दूसरी संपत्ति के साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि कितने लोगों की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया गया था और कितनों से खरीदी गई थी। साथ ही जिस संपत्ति पर पूर्व में कार्रवाई की जा चुकी है, उन पर दोबारा कब्जा तो नहीं हुआ है।

पूर्व सांसद का यह ड्रीम प्रोजेक्‍ट था

करेली थाना क्षेत्र के लखनपुर गांव के आसपास कई साल पहले पूर्व सांसद अतीक अहमद ने हाईटेक टाउनशिप बसाने की योजना शुरू की थी। अलीना सिटी और अहमद सिटी के नाम से इस प्रोजेक्ट के लिए करीब सात सौ बीघा जमीन ली गई थी। पूर्व सांसद का यह ड्रीम प्रोजेक्ट बताया जाता था। वहीं दो साल पहले स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) के तत्कालीन आइजी ने इसकी जांच करते हुए कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। फिर निर्माणीधीन भवनों को गिरा दिया गया था।

गुजरात के अहमदाबाद जेल में बंद हैं अतीक

उस वक्त एसटीएफ की जांच में पता चला था कि टाउनशिप के लिए करीब 25 बीघा सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया गया था। डरा-धमकाकर तमाम किसानों से भी जमीन ली गई थी। इतना ही नहीं, इस प्रोजेक्ट के लिए सड़क बनाने और सीवर लाइन बिछाने के साथ ही बिजली के सरकारी खंभे भी गाड़ दिए गए थे। टाउनशिप के क्षेत्र को ग्रीन बेल्ट बताते हुए भी अधिकारियों ने प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की बात कही थी। मगर प्रोजेक्ट, ढहाए गए अवैध निर्माण की मौजूदा हालत और दूसरे बिंदुओं पर जांच पुलिस फिर से पुलिस ने शुरू की है।

खास बातें

– अलीना सिटी प्रथम- करीब 250 बीघा

– अलीना सिटी द्वितीय- करीब 200 बीघा

– अहमद सिटी – लगभग 250 बीघा।

लखनऊ, कौशांबी में भी कई भूखंड

पुलिस ने अतीक के लखनऊ के विशाल खंड, कौशांबी के रसूलाबाद उर्फ कोइलहा, पिपरी, रहीमाबाद और प्रयागराज के लूकरगंज, दोंदीपुर, नसीरपुर सिलना स्थित भूखंड व मकान को चिह्नित किया है। अब यह पता लगाया जा रहा है कि किस आधार पर कब और कैसे खरीदे गए थे। इसके बाद कार्रवाई होगी।

बोले, सीओ सिविल लाइंस

सीओ सिविल लाइंस के सीओ वृजनारायण सिंह कहते हैं कि अलीना और अहमद सिटी से जुड़ी भूमि का भी सत्यापन किया जा रहा है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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