एलडीए वीसी और विधायक आमने-सामने

एजेन्सी/  ravidas-mehrotra_1460090046एक ओर सत्तापक्ष के विधायक रविदास मेहरोत्रा हैं,  तो दूसरी ओर सरकार की चहेती एजेंसी लखनऊ विकास प्राधिकरण। एलडीए जिस पर पूरे शहर के विकास का जिम्मा है। उसी के मुखिया को सपा के ही विधायक ने गंभीर आरोप जड़े हैं। 

उनको अपने ही बंगले में बैंक खुलवाने और टॉवर लगवाने पर आड़े हाथ लिया। बुधवार से शुरू हुआ उनका धरना-प्रदर्शन बृहस्पतिवार को छठे दिन भी जारी रहा।अमर उजाला ने दोनों से की सीधी बात…रविदास मेहरोत्रा, विधायक, सपाखुद के घर पर अवैध निर्माण..ये शहर क्या सुधारेंगे?

सवाल- आप एलडीए के खिलाफ धरना दे रहे हैं, आखिर आपकी शिकायत क्या है?

रविदास- उजरियावां और आसपास के गांवों में किसानों ने अपनी जमीन प्राधिकरण की गोमतीनगर योजना के लिए दी थी। मगर किसानों को अब तक पर्याप्त मुआवजा नहीं दिया। इस मामले में मैंने करीब तीन साल पहले मध्यस्थता की थी। तब प्राधिकरण का आश्वासन था, किसानों को न केवल मुआवजा बल्कि एक नौकरी भी देंगे। कारोबार करने के लिए छोटी दुकानें दी जाएंगी। मगर एक भी आश्वासन पूरा नहीं किया गया। कई किसानों की मौत हो चुकी है, उनकी विधवाएं और बच्चे भुखमरी की कगार पर हैं।

 सवाल – आपने एलडीए वीसी पर निजी आरोप भी लगाए हैं?

रविदास- आवासीय इलाकों में कॉमर्शियल गतिविधियों की इजाजत नहंीं है, तो एलडीए वीसी के घर पर बैंक और टॉवर कैसे लगे हैं? शहर भर में एलडीए की शह पर अवैध निर्माण हुए हैं। मेरे खुद के क्षेत्र कैसरबाग में ही ऐसे कई उदाहरण हैं, मगर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। क्या ये एलडीए वीसी की जिम्मेदारी नहीं है? जहां से वसूली का ग्राफ  नहीं आगे बढ़ता, बस वहां कार्रवाई होती है। कैसरबाग चौराहे पर एक छोटा निर्माण अब तक सील है। शायद वसूली नहीं मिल सकी। जबकि खुद के घर में अवैध निर्माण को सही ठहरा रहे हैं। ये शहर क्या सुधारेंगे?

सवाल- आपने एलडीए अफसरों पर घूसखोरी के भी आरोप लगा हैं?

रविदास- बिल्डर से लेकर आम आदमी के मकान के निर्माण के दौरान एलडीए में घूसखोरी होती है। बिना घूसखोरी के तो कोई काम ही नहीं होता। एक-एक फ्लोर का पैसा लिया जाता है। जैसे ही निर्माण शुरू हुआ, इंजीनियर उपाध्यक्ष का नाम लेकर ही घूस मांगने पहुंच जाते हैं। लाखों रुपये की वसूली एक बिल्डिंग के निर्माण में की जाती है।  बिल्डिंग बन जाती है, तो उसे उसको सील करने का ढोंग होता है। ऐसे न जाने कितने ही उदाहरण हैं। नियमों को शिथिल नहीं किया जाता है, ताकि वसूली पर लगाम न लग जाए।

सवाल – सरकार तो आपकी है…कार्रवाई या सुधार क्यों नहीं करवाते?
रविदास- सरकार के स्तर से सुधार की कोशिशों को लेकर मैंने मुख्य सचिव को शिकायत की है। उन्होंने जांच का आश्वासन दिया है। हम लगातार इस मामले में लगे रहेंगे। हमको किसानों को उनका हक दिलाना है। शहर के अवैध निर्माण से बिगड़ते स्वरूप को सुधारना है। इसके लिए जरूरी है कि वीसी जैसे बेलगाम अफसरों को रोका जा सके।

सवाल- कार्रवाई नहीं हुई, तो आप क्या करेंगे?
रविदास- मुख्यमंत्री अभी विदेश में हैं। उनके आते ही शिकायत करूंगा। एलडीए वीसी के कारनामे बताऊंगा कि एक व्यक्ति पद का दुरुपयोग कर किस तरह से अपने ही भवन में अवैध निर्माण कर रहा है। इसी वजह से पूरे शहर में अवैध निर्माण को शह मिल रही है। राजधानी में ऐसा होगा, तो बाकी जगहों का तो भगवान ही मालिक है। 

सवाल- सपा विधायक ने आप पर अवैध निर्माण के आरोप जड़े हैं, जबकि सीएम और हाईकोर्ट भी इसको लेकर सख्त हैं।

वीसी- सालों पहले जब मोबाइल टावर लगाया गया था, उस समय प्राधिकरण से एनओसी ली गई थी। इसके बाद में जब इस पर विवाद हुआ, तो मैंने कंपनी को टावर हटाने को कहा था। मगर विधिक अनुबंध के चलते टावर नहीं हट सकता। जहां तक बैंक का प्रश्न है, एलडीए के प्रस्ताव पर हाल ही में घरों में जनसुविधाओं से जुड़े कुछ व्यवसायों की अनुमति शासन ने दी है। इसमें 18 और 24 मीटर सड़क पर कुछ कारोबार हो सकते हैं। इसी नियम के तहत मैंने भी बैंक खोला है। शासन से भी अनुमति ली गई है। तय इंपेक्ट फीस भी जमा कराई है।

सवाल- आरोप है कि आप खुद अवैध निर्माण करा रहे हैं, तो शहर में कैसे अवैध निर्माण रोकेंगे?
वीसी- आरोप लगने का मतलब दोषी होना नहीं है। मैंने अपने आवास में दोनों ही कॉमर्शियल उपयोग नियमों के तहत किए हैं। इसके अतिरिक्त, शहर भर में अवैध निर्माण के खिलाफ जोरदार अभियान जारी है। सैकड़ों की तादाद में एक्शन मेरे ही कार्यकाल में हुए हैं। जो लगभग रोज चल भी रहे हैं?

सवाल- क्या एलडीए के कर्मचारी और इंजीनियर अवैध निर्माण में संलिप्त हैं?
वीसी- हां, कई इंजीनियर और कर्मचारी अवैध निर्माण को शह देते हैं। जिनके खिलाफ समय-समय पर एक्शन लिया जाता है। हालिया कुछ इंजीनियरों के निलंबन के लिए शासन को संस्तुति भेजी गई थी। इसके अलावा, ऐसे आरोपियों को कम महत्व के स्थानों पर तैनाती देते हैं।

सवाल- सत्तापक्ष के विधायक की एलडीए में सुनवाई नहीं होती, तो बाकी का क्या होगा?
वीसी- सभी की सुनवाई होती है। विधायक और किसानों के साथ में समय समय पर बातचीत की गई है। मेरी अनुपलब्धता के समय बाकी अधिकारी मिलते हैं। कई जगह किसानों की समस्याएं सुलझाई गई हैं। 22 जनसुविधा केंद्र खोले गए हैं। प्राधिकरण दिवस और जनता अदालत के अतिरिक्त समाधान कैंपोें का आयोजन अलग से हो रहा है।

सवाल – विधायक आपसे खफा क्यों हैं?
यह तो विधायकजी का अपना सोचना है, मैं इस पर क्या टिप्पणी करूं?

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