रमजान में इराक़ की ऐतिहासिक अल नूरा मस्जिद को ISIS ने किया नेस्‍तानाबूद

अल नूरा मस्जिदमोसुल। खूंखार आतंकी संगठन ISIS ने रमजान महीने में ऐतिहासिक ग्रैंड अल-नूरी मस्जिद को खाक कर दिया है। अमेरिका और इराक ने इसकी जानकारी दी है। हालांकि ISIS ने इस मस्जिद को नेस्तनाबूद करने का आरोप अमेरिकी लड़ाकू विमानों पर लगाया है। लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने इससे इनकार किया है।

दरअसल यह बात यथार्थ है कि सीरिया के मोसुल स्थित इसी मशहूर मस्जिद से ISIS के सरगना अबु बक्र अल बगदादी ने चार जुलाई 2014 को ‘खिलाफत’ का ऐलान किया था यानी यहीं पर आतंकी संगठन ISIS का जन्म हुआ था।

संगठन और सुरक्षा बलों के बीच जबरदस्त संघर्ष

मोसुल ISIS का गढ़ है, जहां पर आतंकी संगठन और सुरक्षा बलों के बीच जबरदस्त संघर्ष देखने को मिला है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक बगदादी ने पहली और आखिरी बार इसी मस्जिद में सार्वजनिक रूप से लोगों को संबोधित किया था। ISIS ज्वाइन करने से इनकार करने पर करीब एक महीने पहले मस्जिद के इमाम की हत्या कर दी गई थी।

इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी ने कहा कि ISIS का यह कारनामा उसकी हार को दर्शाता है। इसमें मस्जिद की मीनार पूरी तरह नष्ट हो गई है। इराक के सैन्य कमांडरों का कहना है कि सुरक्षा बलों से घिरने के बाद आतंकियों ने मस्जिद को उड़ा दिया।

अल नूरा मस्जिद

बगदादी ने इस मस्जिद से खिलाफत का ऐलान करने के बाद सीरिया और इराक के बीच की सीमा खत्म कर दिया। इसके अलावा उसने काफी संख्या में विदेशी लड़ाकों को ISIS में शामिल करने सफल रहा। अमेरिकी मेजर जनरल जोसेफ मार्टिन ने बताया कि सुरक्षा बलों से घिरने के बाद ISIS के आतंकियों ने मस्जिद को उड़ा दिया।

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इससे पहले मोसुल में आतंकियों की ओर से लोगों को बंधक बनाने और उनको मौत के घाट उतारने की खबर आ चुकी है। इसमें बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हैं। यह पहली बार नहीं है, जब ISIS ने ऐतिहासिक इमारतों को तबाह किया है। इससे पहले भी उसने सीरिया और इराक की बेशकीमती इमारतों को तबाह कर चुका है।

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