अलगाववादियों के बंद से कश्मीर में जनजीवन प्रभावित

अलगाववादियोंश्रीनगर: कश्मीर में पूर्व सैनिकों के लिए कॉलोनी बनाने की केंद्र व राज्य सरकार की योजना के विरोध में अलगाववादियों की ओर से घाटी में गुरुवार को आहूत बंद का जनजीवन पर असर देखा जा रहा है। हालांकि प्रशासन की ओर से किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।

अलगाववादियों पर नजर

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “आज कश्मीर में बंद नहीं होगा। संवेदनशील क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षाबलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है।”

प्रशासन ने बुधवार को वरिष्ठ अलागववादी नेताओं मीरवाइज उमर फारुख और मुहम्मद यासीन मलिक को नजरबंद कर दिया था।

मीरवाइज उमर को श्रीनगर में उनके आवास निगीन में नजरबंद कर दिया गया, जबकि मलिक को अबी गुजर क्षेत्र में उनके पार्टी कार्यालय से गिरफ्तार किया गया और कोठीबाग पुलिस थाने ले जाया गया। वरिष्ठ अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी को भी हैदरपोरा में उनके निवास स्थान पर नजरबंद किया गया।

अलगाववादी नेताओं ने सैनिक कॉलोनी बनाने के सरकार के फैसले के खिलाफ घाटी में बंद का आह्वान किया है। अलगाववादियों का आरोप है कि सैनिक कॉलोनी बसाने के पीछे मंशा मुसलमान बहुल घाटी में जनसांख्यिकीय बदलाव लाने का है।

राज्य सरकार ने हालांकि यह कहते हुए इस मुद्दे पर असंतोष को दूर करने का प्रयास किया कि राज्य के केवल स्थानीय बाशिंदे ही इस कॉलोनी का हिस्सा बन सकेंगे, गैर-स्थानीय पूर्व सैनिक इसका हिस्सा नहीं होंगे।

सरकार ने यह भी कहा कि अभी तक सैनिक कॉलोनी के लिए कोई भूमि आवंटित नहीं की गई है और मामला अब भी केवल प्रस्ताव स्तर पर है।

बंद के कारण श्रीनगर और घाटी के अन्य प्रमुख शहरों में दुकानें, सार्वजनिक परिवहन, अन्य कारोबारी प्रतिष्ठान एवं शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। हालांकि, सरकारी कार्यालयों, बैंकों और डाकघरों में कामकाज सामान्य रहा लेकिन यहां भी कर्मचारियों की संख्या कम ही रही।

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