ऐसे पहचानें ‘अर्जेंट’ और ‘ज़रूरी’ काम के बीच का फर्क, बदल सकती है पूरी जिंदगी

डेस्कः आप रोज़ नौकरी पर जाते हैं, रोज़ आपके पास अर्जेंट काम का ढेर लग जाता है जिसे किसी भी हालत में पूरा करके देना है। आप सोचते हैं ‘इसे पूरा करके, फिर उन ज़रूरी काम से निपटूंगा जिनके बारे में मैंने लंबे वक्त से सोच रखा है। जैसे खेती करने का सपना जिसके लिए मुझे खाका तैयार करना है।

कितना वक्त हो गया है, कब तक नौकरी करता रहूंगा।’ ऐसा सोचकर आप फिर उन तुरंत निपटाए जाने वाले काम पर जुट जाते हैं। और करते करते एक दिन क्या, हर दिन बीतता जाता है, बीतता जाता है।

एक रिसर्च के मुताबिक अर्जेंट शब्द हमें ऐसी घबराहट दे देता है कि हम सब कुछ छोड़छाड़ कर उसे करने बैठ जाते हैं. फिर चाहे वो अर्जेंट काम आपको कुछ फायदा दे या न दे। मसलन रिसर्चर्स ने प्रतिभागियों के सामने ऐसे हालात खड़े किए जिसमें वह आराम से जरूरी काम को अर्जेंट काम के ऊपर चुन सकते थे। यानि वो अर्जेंट काम न आपके बॉस को खुश करने के लिए था, न आपको अमीर बनाने के लिए था, लेकिन सिर्फ इसलिए कि किसी ने आपसे कहा कि ‘भाई थोड़ा अर्जेंट है’ – आपने अपने सारे ज़रूरी काम छोड़कर उस अर्जेंट काम का हाथ थामना बेहतर समझा।

मशहूर स्तंभकार ओलिवर बर्कमैन ने कहा था कि, हमारी हालत उस ग्राहक जैसी हो जाती है जिसके लिए वो विज्ञापन बनते हैं जो कहते हैं कि जल्दी कीजिए, कहीं देर न हो जाए. आपको शायद उस प्रोडक्ट की जरूरत भी न हो लेकिन ‘जल्दी कीजिए, अभी कीजिए, देर हो जाएगी’ जैसी लाइनें पढ़कर आपके अंदर ऐसा तूफान मचता है कि आप ऐसे प्रोडेक्ट को खरीद लेते हैं जिसकी आपको ज़रूरत नहीं होती।

इसी तरह जब कोई आपसे कहे कि यह अर्जेंट है तो आप बिना दिमाग या गणित लगाए, उसे करने में जुट जाते हैं, और पीछे छूट जाते हैं वो बेचारे जरूरी काम जो कब से आपकी बाट जोह रहे हैं।

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हालांकि जरूरी और अर्जेंट काम में फर्क पहचानकर भी आप बहुत बदलाव ला नहीं पाएंगे। क्योंकि ये ‘अर्जेंसी का कीड़ा’ बहुत कुछ भावनात्मक है जिस पर हमारा काबू नहीं है. जैसे ही कोई कहता है अर्जेंट, दिल धड़कने लगता है, पेट में कुछ कुछ होने लगता है और आपके हाथ उस काम को करने के लिए बढ़ जाते हैं।

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बेहतर होगा कि आपको जब कोई बोले कि तुरंत करना है तो थोड़ा ठहरकर सोचे कि क्या ये वाकई तुंरत करने जैसा है। कुछ नहीं तो हमारे सरकारी दफ्तरों को याद कीजिए, जिनके लिए कुछ भी अर्जेंट नहीं है, सब कुछ सुकून से होता है।

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