अयोध्या मामले पर फैसले के बाद माहौल बिगाड़ने में करीब 90 लोग हुए गिरफ्तार

अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर प्राधिकारियों ने मंदिर नगरी और देश में अन्य स्थानों पर कड़ी चौकसी बनाए रखी. करीब 90 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 8,000 से अधिक सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई की गई है. वहीं हिंदू और मुस्लिम धर्मगुरुओं ने रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ एक बैठक के बाद लोगों से सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की अपील की. अधिकारियों ने बताया कि देश में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. उन्होंने साथ ही यह भी बताया कि गृहमंत्री अमित शाह ने यह सुनिश्चित करने के लिए पिछले दो दिनों के दौरान कई मुख्यमंत्रियों को फोन किया कि राम जन्मभूम. बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले से पहले और बाद में शांति बनी रहे.

अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को फैसला सुनाने वाले प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई सहित पांच न्यायाधीशों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. इसके लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है, बैरिकेड लगाये गए हैं और सचल एक्कार्ट टीमें लगायी गई हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से जारी एक बयान के अनुसार उप्र पुलिस ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये कथित रूप से माहौल खराब करने के प्रयास के आरोप में शनिवार से 77 लोगों को गिरफ्तार किया है.

रविवार को 40 लोग हुए गिरफ्तार-

इनमें 40 लोगों को रविवार को गिरफ्तार किया गया. उसने कहा कि 8275 पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई की गई है जिसमें 4563 पोस्ट पर कार्रवाई रविवार को की गई. उसने कहा कि ये पोस्ट फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर किये गए थे. पुलिस ने बताया कि मध्यप्रदेश के सिवनी में आठ लोगों और ग्वालियर में दो व्यक्तियों को उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने और पटाखे फोड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. ग्वालियर जेल के वार्डन महेश अवध को जिला छावनी क्षेत्र में पटाखे फोड़ने के लिए निलंबित कर दिया गया था जबकि प्राधिकारियों ने फैसले के बाद ऐसे कृत्यों पर रोक लगायी थी.

अयोध्या में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विभिन्न मंदिरों, विशेष रूप से विवादित स्थल के आसपास दर्शन पूजन किया. यद्यपि कुछ स्थानीय मुस्लिम नेताओं ने दावा किया कि पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन ईद-ए-मिलाद-उन-नबी पर निकाले जाने वाले पारंपरिक जुलूस रविवार को ‘‘एहतियात’’ के तौर पर और फैसले को लेकर “निराशा” के कारण रद्द कर दिये गए.

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यद्यपि अधिकारियों ने दावा किया कि जुलूस निकाले गए, हालांकि हो सकता है कि इनका आकार कम रहा हो. अधिकारियों के अनुसार सरकार ने अयोध्या मुद्दे को लेकर धार्मिक और आध्यात्मिक नेताओं के साथ सम्पर्क कायम रखा. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने प्रमुख हिंदू और मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ बैठक की. इन धर्मगुरुओं ने शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सरकार को लगातार सहयोग की प्रतिबद्धता जतायी. इस बैठक में शामिल होने वाले कुछ धर्मगुरुओं के अनुसार बैठक फैसले की तिथि पहले से ही निर्धारित थी.

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