अमेरिका ने ईरान को दी बड़ी सौगात

वाशिंगटन। अमेरिका ने पिछले साल ईरान के साथ हुए परमाणु करार के बाद नए कदमों की घोषणा की है, जिनसे ईरान पर लगे प्रतिबंधों में और कमी आ जाएगी और विदेशी कंपनियों के लिए ईरान के साथ काम करना आसान हो जाएगा। ‘प्रेस टीवी’ की रिपोर्ट के अनुसार, कोष विभाग ने शुक्रवार को नए दिशा निर्देश प्रकाशित किए, जो उद्यमों को ईरान के साथ तब तक विदेशी बैंकिंग संस्थानों के माध्यम से डॉलर में लेनदेन करने की अनुमति देते हैं, जब तक कि वे अमेरिकी वित्तीय प्रणाली में शामिल नहीं होते।

ईरान

विभाग ने ईरानी कंपनियों के साथ विदेशी लेनदेन पर लगा पूर्ण प्रतिबंध भी हटा दिया है, जिन्हें अमेरिका से अनुमति प्राप्त व्यक्ति चला सकते हैं। कोष विभाग ने ऐसे व्यक्तियों को ‘विशेष रूप से नामित नागरिक’ या एसडीएन का नाम दिया है।

ईरान और पी 5प्लस1 समूह यानी अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, रूस और जर्मनी के बीच 14 जुलाई, 2015 को एक परमाणु करार हुआ था, जिसे कार्रवाई की संयुक्त व्यापक योजना (जेसीपीओए) के नाम से जाना जाता है।

ईरान ने जेसीपीओए की शर्तो के मुताबिक परमाणु संबंधी प्रतिबंध हटाने के बदले में अपने परमाणु कार्यक्रमों को सीमित कर दिया है।

हालांकि अमेरिका ने उसके बाद भी ईरान और कई ईरानी कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध जारी रखा हुआ था, जिसके चलते ईरान ने शिकायत की थी कि अमेरिका करार की अपनी शर्ते पूरी नहीं कर रहा।

गार्डियन के मुताबिक, देश के परमाणु ऊर्जा संगठन के अध्यक्ष अली अकबर सालेही ने शुक्रवार को कहा, “जैसा कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) द्वारा कहा गया है, ईरान अपनी प्रतिबद्धताओं के प्रति प्रतिबद्ध रहा है।”

उन्होंने कहा, “जैसा कि अब जनसाधारण को भी स्पष्ट है और अब यह छिपा नहीं है कि दूसरे पक्ष ने अपने वादे पूरे नहीं किए कि प्रतिबंध हटा दिए जाएंगे और बैंकिंग लेनदेन वापस सामान्य हो जाएंगे, व्यापार में तेजी आएगी और आर्थिक संबंध बढ़ेंगे। हमने जिस स्तर पर उम्मीद की थी, ये पूरे नहीं हुए।”

नए दिशा निर्देशों के मुताबिक, ‘एसडीएन सूची में शामिल किसी ईरानी संबंधी व्यक्ति द्वारा पूर्ण रूप से या उसके किसी हिस्से पर नियंत्रित किए जा रही’ गैर मंजूर संस्थाओं के साथ विदेशी लेनदेन की अनुमति मिले यह जरूरी नहीं।

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