अमेजन पर बंपर छूट, बिना शर्तो के उठाए फायदा

नई दिल्ली। अमेजन ने अपने प्लेटफॉर्म पर अपनी हिस्सेदारी वाली कंपनियों के भी सामान बेचने की पाबंदी से बचने का तरीका तलाश लिया है। केंद्र सरकार की नई संशोधित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति के कारण ई-कॉमर्स कंपनियां पहली फरवरी से अपनी हिस्सेदारी वाली कंपनियों के सामान अपने प्लेटफॉर्म पर नहीं बेच पा रही थीं।

इससे बचने के लिए अमेजन ने अपनी हिस्सेदारी वाली कंपनी क्लाउडटेल में कुछ हिस्सेदारी बेच दी है और अब वह इसके प्रोडक्ट अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर फिर बेच रही है।

अमेजन की इस रणनीति पर कानूनी जानकारों का कहना है कि इसे कानूनी तौर पर चुनौती नहीं दी जा सकती। इसके जरिए कंपनी अपने प्लेटफॉर्म पर अब भी भारी डिस्काउंट दे सकती है।

नई रणनीति के तहत ई-कॉमर्स कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर विक्रेताओं के लिए सब्सक्रिप्शन सर्विस शुरू कर सकती हैं। सब्सक्रिप्शन लेने वाले विके्रताओं को ई-कॉमर्स कंपनियां लॉजिस्टिक्स, पेमेंट्स इत्यादि में सपोर्ट कर सकती हैं और उनके प्रोडक्ट डिस्काउंट पर बेचे जा सकेंगे। यह एक तरह से “बेस्ट फ्रेंड्स एग्रीमेंट” है। बेस्ट फ्रेंड्स एग्रीमेंट के जरिए किसी कंपनी का प्रोडक्ट अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बेचना कानूनी तौर पर वैध है।

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पहली फरवरी को नई एफडीआई पॉलिसी लागू होने के बाद अमेजन को अपने प्लेटफॉर्म से बड़ी संख्या में सामान हटाने पड़े थे। इसकी मुख्य वजह यह थी कि ये सामान क्लाउडटेल समेत ऐसी कंपनियों के थे, जिनमें अमेजन की हिस्सेदारी थी। इन कंपनियों में अब अमेजन की हिस्सेदारी घटकर 24 फीसद रह गई है।

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