अमीरों को न हो ‘दर्द’ इसलिए गरीब से छूट रहीं सांसे

नई दिल्ली। अगल-अलग कारणों से दुनिया में हो रही मौतों में अगर सिर्फ दर्द से जान गंवाने वालों की संख्या पर नजर डालें तो करीब 2.5 करोड़ लोग इसी वजह से मरते हैं।

मरने वाले हर 10 लोगों में एक बच्चा भी शामिल होता, दर्द न झेल पाने की वजह से सांसे छोड़ देता है। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ये मौतें रोकी जा सकती हैं, वो भी सिर्फ एक दवा की मदद से।

शुक्रवार को शोधकर्ताओं ने एक रिसर्च में कहा कि अगर मॉरफीन की जरूरत भर की ही डोज मिल जाती तो इतने लोगों की मौत रोकी जा सकती है। लॉन्सेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित इस रिपोर्ट में ‘ग्लोबल पेन क्राइसिस’ की ओर संकेत किया गया है।

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रिपोर्ट के मुताबिक यह आंकड़ा विश्व भर में होने वाली मौतों का तकरीबन आधा है। रिसर्च टीम ने अपनी स्टडी में पाया है कि मध्यम और कम आय वाले देशों में लोगों को दर्द से निजात पाने के लिए मॉरफीन नहीं मिल पा रही है।

दुनियाभर में 299 टन मॉरफीन के वितरण में इन देशों को मिलने वाली हिस्सेदारी चार फीसदी से भी कम है। इसके उलट दुनिया के अमीर देशों में ऑपियोड आधारित दर्द निवारकों का दुरुपयोग हो रहा है।

दर्द निवारकों का दुरुपयोग करने में टॉप पर अमेरिका है। इस स्टडी के सह लेखक मियामी यूनिवर्सिटी के जुलियो फ्रेंक का कहना है कि एक तरफ गरीब देशों को सस्ता पेन किलर नहीं मिल रहा है, वहीं अमीर देश इनका दुरुपयोग कर रहे हैं।

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