अब स्वच्छ भारत अभियान का बदला स्वरुप, कचरे का बिजली उत्पादन में होगा प्रयोग

सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के लिए अब नए लक्ष्य निर्धारित किए हैं। इसके तहत कचरे का उपयोग अब ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए किया जाएगा। आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, जबकि सरकार मिशन के पहले चरण के तहत 99 फीसदी लक्ष्य हासिल कर चुकी है तो अब हर गांव में ठोस कचरे के स्थायी प्रबंधन के लिए भी मिशन का विस्तार होगा।
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इसके अलावा नदियों की सफाई, ग्रामीण स्वच्छता, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, वनीकरण और जैव विविधता संरक्षण के लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे। साथ ही कार्यक्रम में पर्यावरण और जल प्रबंधन मुद्दों को शामिल किया जाएगा। भविष्य में शौचालयों की बढ़ती मांग को देखते हुए इसके बुनियादी ढांचे में निवेश और पर्यावरण के अनुकूल स्वच्छता प्रौद्योगिकी को अपनाना शामिल है।

स्वच्छ भारत मिशन अब तक

  • 9.5 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण हुआ
  • 5,64,658 गांव खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित
  • 95 फीसदी शहर भी ओडीएफ घोषित किए गए हैं
  • 45 हजार शौचालयों का निर्माण हुआ 1700 शहरों में

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उजाला योजना से पर्यावरण संरक्षण

देश में पर्यावरण संरक्षण के लिए उजाला योजना के तहत अब तक 35 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किए गए हैं। इससे सालाना 18,341 करोड़ रुपये कीमत की बिजली भी बच रही है। मिशन के अगले लक्ष्य के तहत सौर ऊर्जा व बैटरी चार्जर के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
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