अब स्कूल प्रशासन हो जाए सावधान, एनसीईआरटी किताबें ना पढ़ाने वाले स्कूलों पर अब सकेगा शिकंजा

एनसीईआरटी की किताबें न पढ़ाने वाले और महंगी रेफरेंस बुक लगाने वाले स्कूलों के खिलाफ सरकार मान्यता रद्द करने की कार्रवाई करेगी। आचार संहिता समाप्त होने के बाद ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
एनसीईआरटी किताबें

राज्य सरकार ने पिछले वर्ष उत्तराखंड और सीबीएसई बोर्ड के सभी विद्यालयों में एनसीईआरटी पुस्तकें लगाने की अनिवार्यता की थी। सरकार ने रेफरेंस बुक व अन्य महंगी किताबें लगाने पर पूरी तरह रोक लगा दी।

इसके विरोध में निजी स्कूल संचालकों ने कोर्ट का रुख किया। कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए रेफरेंस बुक लगाने की छूट दी। लेकिन कोर्ट ने शर्त लगाई कि इन रेफरेंस बुक की कीमत एनसीईआरटी पुस्तकों से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।इस बिंदु का फायदा उठाते हुए कई स्कूलों ने अपने यहां दर्जन भर तक रेफरेंस बुक लगा ली। इस सत्र की शुरूआत में कई निजी विद्यालयों ने एनसीईआरटी से इतर भी महंगी किताबें लगा ली। साथ ही महंगी रेफरेंस बुक भी लगाई।

अभिभावकों और छात्रों पर दबाव बनाकर जबरन यह किताबें खरीदने को मजबूर किया गया। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के अनुसार ऐसे कई स्कूलों की शिकायतें मिली है। सरकार इन सभी शिकायतों की जांच करेगी और दोषी पाए जाने पर स्कूलों की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।
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