मोदी सरकार का बड़ा फैसला, अब सीमा में घुसना दूर, भारत की ओर देखेगा भी नहीं चीन

मोदी सरकारनई दिल्‍ली। अभी तक भारत पर दबाव बनाता चला आ रहा चीन अब खुद दबाव में आ गया है। अक्‍सर भारतीय सीमा के अंदर चीन की सेना घुस आया करती थी लेकिन अब पीएम मोदी के एक फैसले से ऐसा लग रहा है कि चीन सीमा की तरफ देखना ही बंद कर देगा। दरअसल मोदी सरकार के फैसले के बाद सेना को सुखोई 30 का साथ मिलना शुरू हो गया है।

मोदी सरकार का फैसला

कुछ सूत्रों की मानी जाए तो ये अभी शुरूआत है, इसके बाद मोदी सरकार भारत-चीन सीमा को लेकर और भी कई बड़े फैसले लेने की तैयारी में है। चीन से सटी सीमा को सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से भारत ने पहली बार अरुणाचल प्रदेश में सुखोई फाइटर जेट की तैनाती की है। अरुणाचल में चीन की सीमा से लगे पस्सीघाट में सुखोई 30 को उतारा गया। यह स्थानीय चीन की सीमा से मात्र 80 किलोमीटर दूर है।

विमान को यहां उतारने के पीछे चीन के अतिक्रमण और लगातार घुसपैठ की कोशिशों को रोकना है। इसके अलावा भारत यह भी सुनिश्चित कर देना चाहता है कि किसी भी आपात स्थिति में भारत यहां पर सैन्य मदद पहुंचा सके।

आपको बता दें कि इस अग्रिम एयरफील्ड का इस्तेमाल 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान सैनिकों और रसद पहुंचाने के लिए हुआ करता था। लेकिन बाद में यह बंद कर दिया गया। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए इस हवाई पट्टी को दुरुस्त किया गया।

विमान को सकुशल उतारने के लिए पस्‍सीघाट हवाईपट्टी पर उगी घास को हटाया गया और इसकी मरम्मत की गई। इस एडवांस्ड एयरस्ट्रिप का उद्घाटन गृहराज्य मंत्री किरन रिजिजू ने किया। भारत का यह देश में पांचवां एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड है।

इसके साथ ही चीन की ताकत को कम करने के लिए भारत ने अंडमान-निकोबार में भी सुखोई-30MKI फाइटर जेट के अतिरिक्त बेड़े की तैनाती के अलावा पूर्वोत्तर में खुफिया ड्रोन और मिसाइल भी तैनात की हैं। इसके अलावा पूर्वी लद्दाख में टैंक रेजिमेंट्स के साथ ही सैनिकों की संख्या भी बढ़ाई गई है।

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