अब बेटों से कम नहीं हैं बेटियां…

पिता-पुत्री का रिश्‍ता बेहद भावनात्‍मक होता है। कहा जाता है एक पिता को अपने पुत्र से ज्‍यादा लगाव अपनी पुत्री से होता है। बेटियां इतने लगाव के  बावजूद भी हमेशा पराया धन ही माना जाता है। लेकिन अब दौर बदल रहा है अब बेटियां बेटों की तरह ही अपने पिता के साथ कदम से कदम मिला कर चल रहीं हैं यहां तक की उनके बिजनेस को सजाने-संवारने में भी भरपूर योगदान दे रही हैं। ऐसी ही एक पिता पुत्री की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं जो एक दूसरे से सीख कर एक साथ मिल कर अपने बिजनेस को आगे बढ़ा रहे हैं।

बेटियां

पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय में इंटरनेशनल स्टडीज और व्यापार में हंट्समैन कार्यक्रम की पूर्व छात्र और व्हार्टन स्कूल ऑफ बिजनेस की डिग्री हासिल करने वाली भैरवी मधुसूदन ने कई मल्टीनेशनल कंपनियों के लिये प्रबंधन और रणनीतिक सलाहकार के रूप में काम किया। जब वो भारत आई तो उससे पहले वो फ्रैंकफर्ट में एक प्राइवेट इक्विटी फर्म में काम कर रही थीं। उस वक्त देश में आंत्रप्रेन्योरशिप की शुरूआत हो रही थी। उनके पिता ने आर्गेनिक उत्पाद से जुड़ा कारोबार शुरू ही किया था। ये कृषि के क्षेत्र का अपने आप में पहला ऐसा उद्यम था। इसके शुरूआती स्तर में Back2Basics ने अपना ज्यादातर ध्यान केवल बी2बी की तरफ लगाया। इससे उसके मुनाफे पर असर पड़ा। तब भैरवी ने देखा कि उनके पिता परेशानी में हैं तो उन्होंने तय किया कि ऐसे वक्त में वो अपने पिता का साथ देंगी और वो उनके छोटे से प्रोजेक्ट के साथ जुड़ गईं। इसके बाद उन्होंने कारोबार में वित्तीय स्थिरता लाने के लिये काम करना शुरू कर दिया। भैरवी ने एक खास तरह का एल्गोरिथम तैयार किया जिससे उनको नये तरीके से मूल्यसंरचना तय करने में मदद मिली। इस तरह आश्चर्यजनक तरीके से जो कंपनी नुकसान की ओर जा रही थी वो मुनाफे में बदल गई और 16 दिनों के अंदर ही कंपनी का मुनाफा 54 प्रतिशत तक पहुंच गया।

आज बाप बेटी की ये जोड़ी सफलतापूर्वक कारोबार कर रही हैं। वहीं दूसरी ओर भैरवी का मानना है कि परिवार के किसी सदस्य के साथ कारोबार करना हर दिन नई चुनौती से कम भी नहीं है। उनका दावा है कि “ज्यादातर लोग ये मानते हैं कि किसी भी पिता के कारोबार में उनकी बेटी केवल एक हिस्सा भर है जो शुरूआत में मेरे लिए काफी बड़ा झटका था, बावजूद इसके आज भी मैं ऐसे हालात का सामना करती हूं।”

आंत्रप्रेन्योर महिला के तौर पर उनको भी उन्ही चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जो किसी दूसरे आंत्रप्रेन्योर को करनी पड़ती हैं, लेकिन भैरवी अपने संघर्ष और कारोबारी कौशल की वजह से उन चुनौतियों का हल निकाल ही लेती है। इसमें उनके पिता का भी काफी साथ होता है।

Back2Basics बेंगलुरू की अनूठी कंपनी है जो स्थानीय स्तर पर लोगों को उनके दरवाज़े तक आर्गेनिक फूड पहुंचाने का काम करती है। कंपनी की खासियत है कि ये करीब 200एकड़ इलाके में कैमिकल मुक्तखेती करती है, जहाँ पर 90 से ज्यादा मौसमी किस्मों का उत्पादन किया जाता है। इनमें फल, सब्जी, अनाज और इग्ज़ाटिक शामिल है। इनके ग्राहकों में बड़ी संख्या में कार्पोरेट, रिटेल चेन से जुड़े लोगों के साथ आम लोग भी हैं,जिनको कंपनी आर्गेनिक उत्पाद सप्लाई करती है।

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