अब आपके सामने कोई नहीं बोल पायेगा झूठ, आजमायें ये ट्रिक…

जब भी हम किसी दूसरे इंसान से बातें करते हैं तो हमें अकसर ऐसा लगता है कि क्या सामने वाला हमसे सच बोल रहा है या झूठ। इसी शक के चलते हम उस शख्स की बातों पर यकीन नहीं कर पाते हैं।

किसी भी रिश्ते में चाहें वो पति-पत्नी का हो या दो दोस्तों का, विश्वास का होना बहुत जरूरी है। अब अगर हमारे दिमाग में हमेशा यही चलता रहें कि सामने वाला सच नहीं बोल रहा या उस पर कैसे यकीन करें या वाकई में वो जो कुछ भी बोल रहा है वो सच है, तो रिश्तों में कड़वाहट जरूर आएगी।

कोई नहीं बोल पायेगा झूठ

ऐसे में करें तो क्या करें? आज हम आपकी इसी परेशानी को सुलझाने के लिए कुछ ऐसे ट्रिक्स का जिक्र करेंगे जिसकी मदद से आप इस बात का पता आसानी से लगा पाएंगे कि सामने वाला व्यक्ति आपसे सच बोल रहा है या झूठ? सबसे पहले व्यक्ति की आवाज पर ध्यान दें क्योंकि जब कोई व्यक्ति झूठ बोलता है तो उसका ध्यान बॉडी पॉश्चर से ज्यादा अपनी आवाज पर रहता है।

यानि कि अपनी बात को सही दिखाने के लिए वह अपनी आवाज को सामान्य से ऊंचा रखता है। इसके विपरीत सच बोलने वाला हमेशा आराम से बात करता है।

आमतौर पर इंसान 1 मिनट में 10 से 12 बार पलकें झपकाता है, लेकिन जब वो अपनी झूठ पर पर्दा डालने की कोशिश करता है तब वो पलकें कम झपकता है।

जी हां, टेंशन में या झूठ बोलते समय इंसान 1 मिनट में मात्र 6 से 7 बार ही पलकें झपकाता है। दाएं हाथ से काम करने वाला व्यक्ति जब सच बोलने के लिए कुछ सोचता है या बोलता है तो अकसर ऊपर बाएं तरफ देख कर सोचता है, लेकिन इसके विपरीत यदि वो दाएं तरफ देख कर सोच रहा है तो जरूर उसके मन में कुछ और चल रहा है।

ठीक इसी तरह जो लोग काम करने के लिए बाएं हाथ का इस्तेमाल करते हैं उन पर यह प्रक्रिया बिल्कुल इसके विपरीत है।अब बात करते हैं आंखों की तो ये हम सभी को पता है कि इंसान जब झूठ बोलता है तो वो आई कान्टेक्ट नहीं कर सकता है।

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अगर वो ऐसा कर भी रहा है तो जोर-जबरदस्ती से, सामान्य तरीके से नहीं, यह देखकर आपको समझ में आ जाएगा कि वाकई में क्या सच है और क्या झूठ।

दाएं हाथ का कोई व्यक्ति जब किसी घटना का जिक्र आपके सामने करता है और वह सच है तो ऐसे में वो अपनी आंख को बाएं कान की तरफ ले जाएगा, लेकिन जब वह झूठ बोलता है तो दाएं तरफ देखता है।

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