अफ्रीकी मूल के लोगों पर हमले के मामले में मोदी सरकार सख्त, पांच अरेस्ट

अफ्रीकी मूलनई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के दक्षिणी हिस्से में बसे महरौली इलाके में गुरुवार की रात छह अफ्रीकी मूल के लोगों पर कथित तौर पर हमले के मामले में सरकार ने बेहद सख्त रुख अपनाया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के इन कथित हमलों को गंभीरता से लेने के बाद पुलिस ने संबंधित मामलों में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में अब तक पांच गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। पुलिस ने मामले में अपनी जांच और तेज कर दी है। हालांकि पुलिस ने इस मामले को नस्‍लभेदी होने से इनकार किया है।

अफ्रीकी मूल के लोगों पर हमले

अफ्रीकी मूल के लोगों पर हमले के मामले पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक ट्वीट में कहा कि दिल्ली के पुलिस आयुक्त (सीपी) को हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने तथा हर किसी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही ऐसे इलाकों में गश्त बढ़ाने को कहा, जहां अफ्रीकी नागरिक बड़ी तादाद में रहते हैं।

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि नई दिल्ली में कुछ अफ्रीकी नागरिकों पर हमले के संदर्भ में दिल्ली के सीपी से बात की। ऐसी घटनाएं निंदनीय हैं।

इससे पहले विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा था कि उन्होंने अफ्रीकी नागरिकों पर हमले के संबंध में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग से बात की है, जिन्होंने उन्हें दोषियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि जिन इलाकों में अफ्रीकी मूल के नागरिक रहते हैं, वहां जल्द ही लोगों को इनके प्रति संवेदनशील बनाने के लिए अभियान चलाए जाएंगे।

राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार रात चार अफ्रीकी नागरिकों के खिलाफ हमले की घटना सामने आई थी। ये हमले एक किलोमीटर के दायरे में हुए थे, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया। अधिकारियों के मुताबिक, हालांकि कोई पीड़ित शिकायत दर्ज कराने नहीं पहुंचा, फिर भी पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले दर्ज किए।

उल्लेखनीय है कि दक्षिण दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में 20 मई को एक ऑटो-रिक्शा लेने के दौरान हुई कहासुनी के बाद कुछ लोगों ने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के नागरिक मसोंडा केटडा ओलिवर (29) की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। हैदराबाद में 25 मई की रात एक पार्किंग विवाद में 23 वर्षीय नाइजीरियाई युवक की हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद सुषमा ने तेलंगाना सरकार से रपट मांगी थी।

अफ्रीकी नागरिकों के खिलाफ हिंसा की इन घटनाओं के नस्ली होने के मद्देनजर यहां अफ्रीकी मिशनों के प्रमुखों ने सरकार से विरोध भी दर्ज कराया, जिसके बाद सरकार ने उनकी चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया। दिल्ली पुलिस ने हालांकि अफ्रीकी नागरिकों पर हमले को नस्ली नहीं माना है, पर कुछ पीड़ितों का कहना है कि हमले के दौरान उन्हें नस्ली गालियां दी गईं।

राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को अफ्रीकी नागरिकों के खिलाफ चारों घटनाएं दक्षिण दिल्ली के महरौली इलाके में हुईं, जहां करीब 300 अफ्रीकी नागरिक रहते हैं। पुलिस के अनुसार, केवल एक अफ्रीकी नागरिक लॉकी को सड़क पर मुंह के बल गिर जाने के कारण नाक में चोट आई है।

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) ईश्वर सिंह ने कहा कि ये छिटपुट घटनाएं हैं, नियोजित हमले नहीं। इन हमलों में नस्लीयता की कोई बात नहीं है, न ही अफ्रीकी नागरिकों खिलाफ सार्वजनिक मुहिम चलाई जा रही है। यदि हमले नियोजित होते तो पीड़ितों को गहरा जख्म लगा होता।

दिल्ली पुलिस के नियंत्रण कक्ष को गुरुवार रात दो बार फोन किए गए थे, जिसमें महरौली के राजपुर खुर्द इलाके में झगड़े की सूचना दी गई थी, जहां अफ्रीकी नागरिक रहते हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पहला फोन रात 11 बजे केनेथ नामक व्यक्ति ने किया था, जिसका अपनी कार से दवा की दुकान जाते समय स्थानीय नागरिकों से झगड़ा हो गया था।

दूसरा फोन नाइजीरिया के नागरिक लॉकी ने किया था, जिसे कथित तौर पर उस ऑटो-रिक्शा के चालक को बचाने के कारण पीटा गया, जिसमें वह सफर कर रहा था। आरोप है कि एक कार चालक ने ऑटो-रिक्शा से पास नहीं मिलने पर उसे रोककर उसकी पिटाई शुरू दी। लॉकी जब बीच-बचाव करने लगा तो कार सवारों ने उसकी भी पिटाई कर दी। इसी बीच वह सड़क पर औंधे मुंह गिर गया और उसकी नाक में चोट आ गई। डीसीपी का कहना है कि संदिग्धों की पहचान कर ली गई है और उन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

 

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