अपहरण का ड्रामा पेपर खराब होने पर

crime_landscape_1458167929एजेन्सी/करेली में रहने वाले नौवीं कक्षा के एक छात्र ने पेपर खराब होने पर दिल्ली भागने के लिए अपहरण की कहानी गढ़ ली। वह घर से भागकर जंक्शन पहुंचा और दिल्ली के लिए जनरल टिकट खरीदकर ट्रेन का इंतजार करने लगा। तभी जीआरपी के गश्ती दल ने संदेह होने पर छात्र से पूछताछ की तो उसने पहले तो स्कूल के बाहर से अपहरण किए जाने का किस्सा सुनाया लेकिन फिर असलियत बता दी। जीआरपी ने छात्र के पिता को फोन से जानकारी देकर थाने बुला लिया। पिता को सलाह दी गई कि वह बेटे पर सख्ती करने की बजाय उसे समझाएं।

बुधवार सुबह करीब नौ बजे का वाकया है। जीआरपी थाने के सिपाही राज नारायण राम ने जंक्शन के सिटी साइड पूछताछ केंद्र पर 14 वर्षीय लड़के को दिल्ली की ट्रेन के बारे में पूछते देखा। सिपाही को नाबालिग लड़के के अकेले होने पर संदेह हुआ तो उससे बात की। जब शक पुख्ता हो गया कि मामला गड़बड़ है तो उसे जीआरपी थाना ले जाया गया। थाना प्रभारी मनोज सिंह ने पूछताछ की तो पता चला कि उसका नाम जीशान है। वह शहर के भावापुर मुहल्ले में रहने वाले जुल्कर नैन का पुत्र है। जीशान ने बताया कि वह कक्षा नौ का छात्र है। वह सुबह स्कूल गया था तभी स्कूल के बाहर ही चार लोगों ने उसे पकड़ा और बेहोशी की दवा सुंघाकर उसे टवेरा गाड़ी में खींच लिया।
फिर होश में आने पर उसे दिल्ली का ट्रेन टिकट देकर धमकी देकर जंक्शन के पास उतार दिया कि ट्रेन से दिल्ली चले जाना। जीशान ने कहा कि वह डर गया था इसलिए दिल्ली की ट्रेन पकड़ने के लिए पूछने लगा तभी जीआरपी के सिपाही ने पकड़ लिया। जीशान की बात पर पुलिस को भरोसा नहीं हुआ। आखिर में उसने बताया कि उसका अपहरण नही हुआ था बल्कि सालाना परीक्षा में उसका मैथ का पेपर खराब हो गया था। उसे लगा कि माता-पिता बहुत नाराज होंगे इसलिए उसने घर छोड़कर दिल्ली जाने की योजना बना डाली। सुबह घर से निकलकर वह स्टेेशन पहुंचा और दिल्ली का जनरल टिकट खरीद लिया। पुलिस से फोन पर सूचना पाकर जीशान के पिता भी आ गए। उन्होंने जीआरपी का आभार जताया कि उनके बेटे को दिल्ली जाने से पहले ही जंक्शन पर रोक लिया गया।
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