घर से निकलते समय ध्‍यान रखेंगे ये बातें तो नहीं बिगड़ेंगे काम

अपशगुनअक्‍सर ऐसा होता है कि कोई काम घर से ये सोच कर निकलते हैं कि आज काम पूरा हो जाएगा। लेकिन हाथ सिर्फ निराशा ही लगती है। कई लोगों के साथ ऐसा भी होता है कि जिस कार्य की उन्‍हे उम्‍मीद नहीं होती है, अचानक एक दिन वह काम पूर्ण हो जाता है । अकस्‍मात धन मिल जाता है या धन खर्च हो जाता है। पंडित सुरेश दुबे आपको बता रहे हैं घर से बाहर निकलने से पहले शगुन आैर अपशगुन के कुछ विचार जिन्‍हे ध्‍यान रखेंगे तो आपको लाभ होगा।

अपशगुन विचार

यदि किसी कार्य पर जाते समय रास्ते में कोई दुष्ट प्रकृति वाला, व्यभिचारी व्यक्ति सामने आ जाए तो कार्य में अवश्य ही विघ्न होने की सम्भावना होती है।
यात्रा पर जाते समय यदि पावँ से जूता निकल कर गिर जाये तो यह अशुभ शकुन है।

यात्रा पर जाते समय यदि घर से निकलते ही आपको कहीं पर ठोकर लग जाये तो यात्रा कुछ समय के लिए टालना ही उचित है।

यदि घर से निकलते ही आपका वस्त्र किसी कोने में फँस जाये अथवा अटक जाये तो यह भी शुभ नहीं है।

यदि घर से निकलते ही कोई छींक दे तो यह आपके लिए एक संकेत है कि कुछ पल ठहर जाएँ।

यात्रा पर जाते समय यदि काली बिल्ली रास्ता काट दे तो समझ जाईए कि यात्रा में सफलता की सम्भावना क्षीण ही है।

यात्रा पर जाते समय यदि कोई आपको टोक दें, आवाज लगा दें, कहाँ और किसलिए जा रहे है यह सवाल पूछ लें तो यह अशुभ शकुन है।

घर से निकलते ही आपसे या परिवार के सदस्यों में आपस में झगड़ा हो जाए तो ऐसे माहोल में उस समय यात्रा करना उचित नहीं है।

याद रखिये सूर्य अस्त होते समय, संध्या के समय यात्रा करना अशुभ माना गया है, अत: अपनी यात्रा का समय अवश्य ही संशोधित कर लें।

यदि घर से निकलते समय वर्षा या आंधी आ जाये, बिजली चली जाये, जानवर के रोने की आवाज आये तो कुछ पल ठहर कर ही अपनी यात्रा प्रारंभ करें।

यदि घर से निकलते ही कोई फल हाथ से गिर जाये, कोई सामान गिर जाये, टूट जाये तो यात्रा के लिए जल्दीबाजी कतई न करें।

यदि घर से निकलते समय किसी को भी चोट लग जाये, खून टपक जाये तो थोड़ा आगे विश्राम करके ही जाएँ।

यदि यात्रा पर जाते समय बहुत से पशु एक साथ एक जगह पर इकट्ठे नज़र आयें, या जानवर लड़ रहे हो तो यह भी अशुभ शकुन है।

अपशगुन से बचने के उपाय 

हमेशा याद रखिए यात्रा पर जाते समय, घर से काम के लिए निकलते समय बहुत जल्दीबाजी, हड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। जीवन भर शुभ अशुभ शकुन तो आते ही रहेंगे इनसे कतई भी विचलित न होंं। घर से दही चीनी अथवा कुछ मीठा खा कर ही माता- पिता के चरण छू कर पत्नी बच्चो और परिवार के सदस्यों से मिल कर ही जाएँ । हमेशा समय का ख्याल रखें, समय से पूर्व ही जाने के लिए तैयार हो जाएँ और यदि उपरोक्‍त में से किसी भी तरह का अपशकुन आता भी है तो कुछ पल ठहर कर अपनी माता या पत्नी या बहन के हाथों से फिर से कुछ मीठा खा लें, प्रभु का स्मरण कर लें और अगर कुछ पल का समय हो तो अपना जूता पावँ से निकाल कर बैठ जाएँ उसके पश्चात ही पुनः जूता पहन कर यात्रा पर जाएँ, आपकी यात्रा अवश्‍य शुभ होगी।
सबसे जरुरी बात दिशाशूल का भी विचार अवश्य  कर के ही यात्रा का प्रोग्राम बनाएं।यदि दिशाशूल में जाना अति आवश्यक हो तो अपने साथ में ले जाने वाले सामान एक दिन पूर्व ही निकाल कर अन्यत्र कहींं रख देंं।

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