अपनी मांगों को लेकर टंकी पर चढ़े किसान, जाने क्या है पूरा मामला

मेरठ –  मेरठ में प्रसाशन से अपनी मांग मनवाने के लिए किसान भी वीरू बनकर टँकी पर चढ़ गए लेकिन यहां पर एक वीरू नहीं यहां पर कई सारे वीरू हैं और इनमें एक महिला भी शामिल है।

मेरठ के शताब्दी नगर में 620 एकड़ जमीन को किसानों के कब्जे से मुक्त कराने को लेकर दूसरे दिन भी प्रशासनिक अफसरों ने किसानों को खूब मनाया लेकिन वे नहीं माने। वहीं रविवार को नई नीति से मुआवजा न मिलने के विरोध में किसान टंकी पर चढ़ गए और प्रदर्शन किया।

परतापुर शताब्दीनगर में तकरीबन एक दर्जन किसान पानी की टंकी पर चढ़ गए। इनमें एक महिला भी शामिल है। दरअसल, शताब्दीनगर में भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में किसान नई भूमि अधिग्रहण नीति के अनुसार मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर डटे हुए हैं। यहां नजदीक ही बनी पानी की टंकी पर चढ़कर किसानों ने अपनी मांगें रखीं।

दरअसल, शनिवार को जिलाधिकारी अनिल ढींगरा के साथ हुई बैठक में भी किसान नई मुआवजा नीति से मुआवजा लेने की मांग पर अड़े रहे, वहीं जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने उनकी इस मांग को ठुकरा दिया और किसानों से विकास कार्यों में सहयोग करने के लिए कहा।

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इस पर गुस्साए किसानों ने बैठक में नारेबाजी शुरू कर दी और आर-पार की लड़ाई लड़ने का एलान किया। किसानों ने कहा कि वे मर जाएंगे, लेकिन जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाएगी जमीन नहीं छोड़ेंगे।

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