अनोखी डकैती : 35 लाख की डकैती जिसमें 4 लाख के भागीदार थे भगवान ! जानें क्या हुआ था …

14 डकैतों ने डकैती की. 35 लाख उड़ाए. 4 लाख की मन्नत मांगी थी कि भगवान जी हमारी डकैती सफल करा देना. तो 4 लाख उनको दे दिए. 2 लाख वकील को देने के लिए निकाल दिए.

बाकी 29 लाख खुद में बांटे. और अब पकड़े गए. इन डकैतों ने एक डकैती करने और उसकी गणित लगाने में इतनी मेहनत की.

तो बचपन में बहुत सी कहानियां सुनी, उसमें एक डाकू की कहानी थी. जिससे नारद जी पूछते हैं तुम डकैती तो कर रहे हो. डकैती का शेयर घरवाले भी लेते होंगे. पर क्या पाप का शेयर भी लेते हैं? डाकू घर गया. पूछा, मेरे पापों के भागी बनोगे. निगेटिव जवाब आया तो पलटकर अच्छा आदमी बन गया.

ये तो पुरानी कहानी है, आप 2019 वाली कहानी सुनो. इन डकैतों ने डकैती की. इस डकैती में भगवान का हिस्सा भी फिक्स कर दिया.

नोएडा में सेक्टर हैं. जिन्हें याद रखना दुनिया के सबसे जटिल कामों में से एक है. 121 के बगल में 67 है. 67 के बगल में 59. 52 के बगल में 23. पर अभी बात सेक्टर-63 की. वहां महागुन कॉरपोरेट टावर है.

वहां डकैती हुई. 14 जने शामिल थे, उस डकैती में. एक तो आदमी आजकल इतना खाली हो गया है कि 35 लाख की डकैती के लिए 14 लोग आ गए. बड़ा नहीं सोचते ये लोग, विजय माल्या को देखो. इकलौता आदमी अरबों की चुंगी लगा गया.

तो मुद्दा ये नहीं है. मुद्दा ये कि महागुन में ललित नाम का एक आदमी काम करता था. सुपरवाइजर का काम. फिर उसने घर का भेदी वाला काम कर दिया. उसको पता चला चुनाव आचार संहिता लगी है. कंपनी की तिजोरी में काफी ज्यादा कैश पड़ा है.

पड़ा इसलिए है क्योंकि आजकल कैश ले जाने की लिमिट है, ज्यादा पैसा लेके डोलो तो पुलिसिया केस शुरू हो जाते हैं. उसने ये बात और लोगों को बताई, बस प्लानिंग बन गई कि आचार संहिता ख़त्म होने से पहले पैसे को अचार बनने से बचाना है, अर्थात डकैती डालनी है. मुद्रा लूटनी है.

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पहले ये लोग 13 अप्रैल को घुसे. डकैती नहीं डाल पाए. “वजह — चौकीदार — शोर है.” आई मीन चौकीदार ने शोर मचा दिया. फिर 22 तारीख को महागुन लूटो योजना के तहत वापस आए. इस बार ट्रक लेकर आए. चौकीदारों को बंदी बनाया. तिजोरी उठाई, एक कार में डाली. लेकर चले गए.

अब पुलिस ने 14 में से आधे अर्थात 7 लोगों को पकड़ लिया है. इनने बताया कि डकैती की सफलता के लिए हमने मन्नत मांगी थी. इसलिए जब डकैती में 35 लाख मिले तो 4 लाख भगवान के नाम पर निकाल दिए कि इस पैसे से भंडारा कराएंगे. बाकी 2 लाख जो वकील के लिए निकाले उसका सीन ये था कि कुछ दोस्त जेल में बंद थे, उनकी जमानत और फीस देने के लिए ये पैसे काम आते.

एक और बात, सबको बाकी बचे 29 लाख में भी बराबर पैसा नहीं मिला. कुछ को 3-3 लाख मिले, कुछ को 2 लाख तो कुछ को सिर्फ एक लाख.

 

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