अद्भुत : शिमला में मिला 25 करोड़ साल पुराना पेड़, देख सभी हैं दंग !….  

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक पेड़ के अवशेष मिले हैं. इस पेड़ के अवशेष को 25 करोड़ साल पुराना बताया जा रहा है. अब आप भी सोच रहे होंगे कि अभी तो 2019 चल रहा है फिर इससे पहले कितने साल निकल गए. आगे आपको सब समझाएंगे. फिलहाल इस पेड़ के बारे में समझिए.

इस विशालकाय पेड़ के अवशेष मिले हैं शिमला से 70 किलोमीटर दूर खड़ापत्थर इलाके में. बताया जा रहा है कि ये अवशेष मेसोजॉइल जियोलॉजिकल एरा का है. हिमाचल स्टेट म्यूज़ियम के क्यूरेटर हरीश चौहान ने मीडिया से बात करते हुए बताया-

डीएफओ की तरफ से सबसे पहले पेड़ के अवशेष मिलने की सूचना मिली. जिसके बाद इलाके का दौरा किया. इस पेड़ का अवशेष 7 से 25 करोड़ साल पुराना हो सकता है. कुछ दिन के बाद संग्रहालय की टीम मौके का दौरा करेगी उसके बाद ही ये बात साफ हो पाएगी कि अवशेष वाकई में कितना पुराना है.

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रिपोर्ट्स के मुताबिक इलाके में लैंडस्लाइड की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की एक टीम मौके पर पहुंची. तभी उन्हें खड़ापत्थर इलाके में इस विशालकाय पेड़ का अवशेष मिला. एक अनुमान के मुताबिक पृथ्वी पर जब डायनासोर्स की मौजूदगी थी, इस पेड़ का अवशेष उस समय का है. फिलहाल की जानकारी में इस पेड़ के अवशेष को मेसोजॉइक काल का बताया जा रहा है.

जियोलॉजिस्ट्स ने फैनोरोजॉइक काल के मुताबिक धरती के इतिहास को तीन पार्ट में बांटा है. पहला है पेलियोजॉइक एरा. इस काल की शुरुआत 50 करोड़ साल पहले शुरू हुआ और ये काल 30 करोड़ साल पहले तक चला. इस काल में पहली मछली धरती पर आई.

हम जिस मेसोजॉइक काल की बात कर रहे हैं, ये वाला पार्ट दूसरे हिस्से में आता है. इसी मेसोजॉइक काल के दौरान धरती पर डायनासोर्स पाए जाते थे. मेसोजॉइक काल 25 करोड़ 20 लाख साल पहले शुरू हुआ और यह 6 करोड़ 60 लाख साल पहले खत्म हुआ.

तीसरे नंबर पर आता है सेनोजॉइक काल. इसी काल में धरती पर इंसान अस्तित्व में आए. इस काल की शुरुआत 3 करोड़ 50 लाख साल पहले हुई और 2 लाख साल पहले खत्म हुआ. इंसान अस्तित्व में 2 लाख साल पहले ही आए थे.

 

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