अदालत का फरमान- सरकारी बंगला खाली करें अखिलेश  

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत का आदेश पूर्व राज्यसभा सांसद अखिलेश दास गुप्ता को सरकारी बंगला खाली करने के लिए आया है। बंगला खाली करने के लिए अधिकारियों ने अखिलेश दास से कहा था। इसके बावजूद उन्होंने यह सरकारी बंगला खाली नहीं किया।

अदालत का आदेश

अदालत का आदेश पड़ेगा मानना

जिला न्यायाधीश अमरनाथ ने अपने हालिया आदेश में पूर्व सांसद को लोधी इस्टेट स्थित बंगला नंबर 11 खाली करने के लिए कहा है, जो उन्हें नवंबर 2002 को आवंटित किया गया था। उस वक्त वह राज्यसभा सदस्य थे।

अखिलेश नवंबर 1996 में पहली बार राज्यसभा सदस्य चुने गए थे और 2002 में कांग्रेस सांसद के रूप में दोबारा निर्वाचित हुए। उन्हें 2008 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्य के रूप में दोबारा राज्यसभा के लिए चुना गया।

राज्यसभा में उनका कार्यकाल नवंबर 2014 को पूरा हो गया था, लेकिन उन्हें राज्यसभा सचिवालय ने किराया देकर 25 मार्च, 2015 तक बंगले में रहने की इजाजत दे दी थी।

अखिलेश को आगे 26 जून, 2015 तक इस सरकारी आवास में रहने की अनुमति मिल गई थी। इसके बाद राज्यसभा सचिवालय ने इस अवधि को आगे नहीं बढ़ाया और 15 जनवरी, 2016 को उन्हें बंगला खाली करने के लिए कहा।

अखिलेश ने इस आधार पर बंगले में रहने की अनुमति लेने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था कि वह बंगले का किराया दे रहे हैं। अदालत ने उनकी यह याचिका खारिज कर दी है और उन्हें सरकारी बंगला खाली करने के लिए कहा है।

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