जानिए सिर से पैरों तक के अनेक रोगों की सरल एवं अचूक औषधियों के बारे में…

तीन महत्त्वपूर्ण पदार्थों-हरङ (हलेला), बहेङा (बलेला), आंवला-के योग का नाम है त्रिफला । ये तीनो पदार्थ जितने साधारण एवं सस्ते हैं इनके गुण उतने ही अधिक हैं ।

त्रिफला सिर से पैरों तक के अनेक रोगों की सरल एवं अचूक औषधि है । इससे कब्ज दूर होती है, मेदे के भिन्न प्रकार के विकार दूर होते हैं, रक्त की अस्वच्छता (खून की खराबी) के कारण उत्पन्न होने वाले प्रायः सभी रोग दूर होते हैं, जोडों की पीङा एवं अन्य प्रकार की शारीरिक पीङा से आराम मिलता है, रक्तचाप की अधिकता (High Blood Pressure) से गुणकारी है, हृदय के रोग में भी लाभप्रद है, मस्तिष्क को ताकत देता हैं, स्मृति बढ़ाता है, आधे सिर के दर्द में विशेषतः लाभकर है तथा आंखों की भिन्न बीमारियों को दूर करता है । अर्थात् त्रिफला एक ऐसी गुणकारी औषधि है, जिससे शरीर सामान्य रोगों से सदैव सुरक्षित रहता है ।

सिर से पैरों तक के अनेक रोगों की सरल एवं अचूक औषधियों

‘त्रिफला चूर्ण’ नाम से प्राय: सभी आयुर्वेदिक यूनानी औषधि-निर्माण-शालाओं द्वारा यह तैयार किया जाता है, जो बाजार में आसानी से उपलब्ध हो सकता है । आप उपर्युक्त तीनों पदार्थ बराबर मात्रा में लेकर, कूट-छानकर घर में भी तैयार कर सकते है । सामान्यतः पांच ग्राम मात्रा में दोनों समय भोजनोपरांत ताजे पानी के साथ इसे प्रयोग किया जा सकता है । आंखों एवं बालों (केश) के रोगों में त्रिफला का पानी इस्तेमाल करना उचित है ।

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चेहरे को चिकना बनाता है बादाम

बादाम का प्रयोग चेहरे पर फैलाकर लगाने के लिए होता है । बादाम को बारीक पीसकर या घिसकर लगाने से चेहरा चिकना और चमकदार बनता है । इसे लगाने के कुछ देर बाद जब घोल सूखने लगे तो चेहरा धो लेना चाहिए । इससे चेहरे की अच्छी तरह सफाई हो जाती है । बादाम से ही बादाम रोगन बनता है ।

इसका प्रयोग त्वचा की देखभाल में भी किया जाता है ।

आलू त्वचा को निखारता और कोमल बनाता है

यह आंखों को सूजन भी दूर करता है। कच्चा आलू काटकर चेहरे, हाथों और गले पर फेरे, आंखों पर रखें तथा गरम- थके पैरों पर मालिश करें। सूखने पर ठंडे पानी से धो डालें। आलू का रस चेहरे और गर्दन पर लगाएं। सुबह उठकर पानी में विच हेजल मिलाकर उसे धो डालें। इससे त्वचा प्राकृतिक रूप से चमकने लगती है।

पुदीने का अर्क बाल और त्वचा को देखभाल करता है

पुदीने के अर्क का उपयोग भी बाल और त्वचा की देखभाल करने वाले प्रसाधनों में बहुतायत से होता है। यह शीतलता देकर खुजली और खरोंचों से निजात दिलाता है । पुदीना के तेज प्रभाव के कारण इसे अन्य औषधीय पौधों के साथ मिलाकर हल्का किया जाता है। यह त्वचा तथा सिर को खाल पर बैक्टीरिया का संक्रमण दूर करने में प्रभावी है । पुदीना त्वचा को तेजवान बनाता है इसलिए इसका उपयोग प्राय: हेयर कंडीशनर में होता है ।

झाइयां और मुंहासे दूर करने के लिए पुदीने की कुछ पत्तियां पानी में पीसकर सोने से पहले रात में लगाएं । 2 चम्मच जई का पाउडर, 1/4 चम्मच पुदीने की पत्तियां तथा 1/4 चम्मच सूखा पुदीना में गरम पानी डालकर पेस्ट बना लें । इसे चेहरे पर लगाएं । सूख जाने पर ठंडे मानी से साफ करें । झाइयां दूर हो जाएंगी ।

एलोवेरा त्वचा के लिए अत्यधिक गुणकारी है?

त्वचा के ढलने का प्रमुख कारण सूर्य की तेज किरणें, रूखा वातावरण तथा त्वचा का अत्यधिक नमी खोना है । ऐसे हमलों से त्वचा पर झुर्रियां पड़ जाती हैं।

साथ ही उसका स्वाभाविक खिंचाव भी कम हो जाता है । शुष्क और झुर्रीदार त्वचा को कोमल एवं चमकदार बनाने के लिए एलोवेरा से कई उत्पाद बनाए गए हैं।

सफाई की प्रचलित प्रक्रिया से भी त्वचा स्वाभाविक नमी खो सकती है जो असंतुलन उत्पन्न करती है। लेकिन एलोवेरा, कैक्टस तथा नीबू युक्त क्लींजिंग क्रीम नमी का संतुलन रखते हुए अशुद्धियां दूर करते हैं । एलोवेरा माॅइश्चराइजर में पडने वाला महत्वपूर्ण अवयव है जिसमें औषधीय गुण होते हैं । पुराने समय में एलोय के अर्क से घावों का उपचार होता था । यह नईं कोशिकाओं के संवर्धन में सहायक होने के साथ-साथ एस्ट्रिंजेंट एवं एंटीबायोटिक का भी कार्य करता है।

जब से एलोवेरा जेल बनी है तभी से इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के त्वचा प्रसाधनों में होने लगा है। एलोय की एक मुख्य विशेषता है कि यह नमी खोने वाली त्वचा को सील कर देता है । क्लींजर तथा माँइश्चराइजर में एलोय होने से नमी का अभाव दूर किया जा सकता है । यह त्वचा की मृत कोशिकाओं को भी बहुत प्रभावित करता है । एलोय इन्हें नर्म करके हटाने का काम करता है ताकि उसका स्थान अधिक नर्म त्वचा ले सके । इससे त्वचा की कार्यप्रणाली में सुधार आता है । इसके द्वारा सूर्य से हुई हानि तथा ब्लैक हेड्स का भी इलाज होता है।

खीरा खुले रोमछिद्रों के लिए बहुत उपयोगी हैं ?

खीरा खुले रोमछिद्रों को बंद करता है । सूर्य की किरणों से काले पड़े चेहरे पर ठंडक पहुंचाता है । यह नैसर्गिक उपचार में बहुत ही महत्वपूर्ण सिद्ध होता है । 6 चम्मच ताजे खीरे का रस, 6 चम्मच डिस्टिल विच हेज़ल तथा 2 चम्मच पानी को मिलाकर फ्रिज या ठंडी जगह पर रख दें । इसको लगाने से पहले हिला लें । 1-1 चम्मच खीरे का रस तथा दूध और गुंलाबजल की कुछ बूंदें मिलाकर चेहरे पर लगाने से काफी निखार आता है ।

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1/2 खीरा कुचलकर रस निकाल लें । इसके बाद उसे आग पर रखकर थोड़ा गरम करें । फिर उसे नायलोन के मोजे से छान लें । अब खीरे के रस में 1/4 नीबू का रस और गुलाबजल मिलाकर चेहरे पर 15 मिनट तक लगा रहने दें । यह तैलीय और बुझी त्वचा की सफाई के लिए बहुत लाभप्रद है । काली-सांवली त्वचा को निखारने के लिए 1 चम्मच खीरे के रस में नीबू के रस की कुछ बूंदें और हल्दी पाउडर मिलाकर चेहरे तथा गले पर लगाएं । 1/2 घंटे बाद धो डालें ।

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