‘अग्नि और बरखा’ के साथ संपन्न हुआ पन्ना भरत राम थिएटर फेस्टिवल, ये रहा सबसे खास

नई दिल्ली. पद्मभूषण से अलंकृत मशहूर अभिनेता और थिएटर कलाकार गिरीश कर्नाड द्वारा लिखे और के.एस. राजेन्द्रन द्वारा निर्देशित नाटक ‘अग्नि और बरखा’ के मंचन के साथ सालाना रंगमंच महोत्सव पन्ना भरतराम थिएटर फेस्टिवल का समापन हुआ।

‘अग्नि और बरखा’ का मंचन शुक्रवार को किया गया। इसकी कहानी महान ऋषि रैभ्या, उनके पुत्रों परवसु व अरवसु, परवसु के चचेरे भाई यावक्री, परवसु की पत्नी विशाखा और अरवसु की प्रेमिका नीतिलई पर केंद्रित है।

यह कहानी दिखाती है कि कैसे शक्ति का दंभ और पद की लालसा लोगों को सही पथ से भटकाती है। कहानी के अंत में भगवान इंद्र का प्रकट होना और सत्य एवं प्रेम की विजय ही इसका मूल है।

श्रीराम सेंटर के इस सालाना रंगमंच उत्सव ने पूरे एक सप्ताह तक दिल्लीवासियों को रंगप्रेम से बांधे रखा। पन्ना भरतराम थिएटर फेस्टिवल का आयोजन श्री राम सेंटर फॉर परफॉर्मिग आर्ट्स द्वारा हर साल किया जाता है और इसे विभिन्न प्रोडक्शन्स का समर्थन प्राप्त है।

फेस्टिवल की शुरुआत 22 दिसंबर से हुई थी। पिछले छह दिनों के दौरान गिरीश कर्नाड का तुगलक, जोसेफ केसर्लिग की आर्सेनिक एवं ओल्ड लेस, मानव कौल का प्रेम कबूतर, निलॉय रॉय कादादू, रबिन्द्र नाथ टैगोर की पोएम ऑफ एन एंडिंग और ख्वाजा अहमद अब्बास का काला सूरज सफेद साये जैसे मशहूर नाटक दिखाए गए।

विभिन्न विषयों और जीवन के अनमोल पहलुओं से रूबरू कराते इन नाटकों ने थिएटर प्रेमियों को खासा उत्साहित किया और उन्हें गुणवत्ता व उच्च स्तरीय नाटकों को देखने का अवसर प्रदान किया।

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इस रंगमंच उत्सव के विषय में श्रीराम सेंटर के हेमंत भरतराम ने कहा, “रंगमंच उत्सव के लिए इस तरह की अद्भुत प्रतिक्रिया मिलना हमेशा आकर्षक होता है और दर्शकों के लिए कुछ बेहतरीन नाटकों के साथ हर साल वापस आने के लिए हमारा आत्मविश्वास एवं उत्साह को बढ़ाता है। हमारा उद्देश्य भारत में रंगमंच को बढ़ावा देना है और हम विशेष रूप से हिंदी रंगमंच पर काम कर रहे हैं।”

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