गांधी परिवार के बदले मोदी ने की सौदेबाजी!

अगस्टा केसनई दिल्ली। अगस्टा केस में एक बार फिर बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल ने अपने बयान में गाँधी परिवार का जिक्र किया। एक न्यूज चैनल के इंटरव्यू में बिचौलिए ने बताया कि 2008 में उसने एक पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को इस मामले से जुड़े फैसलों का ड्राइविंग फ़ोर्स बताया था।

अगस्टा केस में नया मोड़

इंटरव्यू में बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स से पूछा गया कि क्या इस सौदेबाजी में गांधी परिवार की कोई भूमिका नहीं थी? जवाब में उसने बस इतना कहा कि मुझे खुद को बचाने के लिए गाँधी परिवार को बचाना होगा। मुझे खुद को बेकसूर साबित करने के लिए यह साबित करना होगा कि वे बेकसूर हैं।

मिशेल ने कहा की वो अपने किये गये दावे पर अभी भी कायम है। दावे के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल न्यूयार्क में इटली के प्रधानमंत्री से मुलाक़ात की थी। इस मुलाकात में नरेंद्र मोदी ने अगस्टा डील की जानकारी के बदले भारत में मर्डर के आरोप में बंद इटली के नौसैनिकों को छोड़ने का ऑफ़र दिया था। साथ ही बिचौलिए ने बताया इस जानकारी को प्राप्त करने का उद्देश्य यह था कि इससे सोनिया गांधी को शर्मसार होना पड़ता या उन्हें घेरा जा सकता था।

अपने शीर्ष नेतृत्व के अगस्टा केस में शामिल होने की बात को नकारते हुए कांग्रेस ने उस कथन की प्रमाणिकता पर सवाल उठाया था, जिसकी पुष्टि आज मिशेल ने की है। एंग्लो-इटालियन फर्म अगस्टा के जेल में बंद अन्य एग्जिक्यूटिव के पत्रों में भी श्रीमती गांधी और कांग्रेस के अन्य शीर्ष नेताओं के नामों का जिक्र है। इन पेपर्स की मिलान कोर्ट ने समीक्षा की थी और अगस्टा को भारत में रिश्वत देने का दोषी पाया है।

कुछ ही हफ्ते पहले आए इस फैसले ने बीजेपी को अगस्टा केस को एक बार फिर हवा देने और इसे राष्ट्रीय विवाद के रूप में पेश करने का पर्याप्त मसाला दे दिया है। इसके साथ ही उसे हेलिकॉप्टर घोटाले में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की मिलीभगत को लेकर नए प्रमाण उपलब्ध करा दिए हैं। इटली में जांच शुरू होने के बाद 2014 में 3600 करोड़ का यह ऑर्डर रद्द कर दिया गया था।

मिशेल ने पिछले कुछ महीनों में बार-बार यह दावा किया है कि जब पीएम मोदी यूएन समिट के लिए न्यूयॉर्क में थे, तो उन्होंने इटली की जांच में एकत्र किए गए वह विवरण हासिल करने के लिए इटली के अपने समकक्ष से गुपचुप मुलकात की थी, जिनका उपयोग सोनिया गांधी के खिलाफ किया जा सके। संसद में सरकार ने ऐसी किसी भी मुलाकात से इंकार किया है। मिशेल ने बताया कि उन्होंने यह जानकारी दिल्ली स्थित इटली दूतावास के आधिकारिक सूत्रों से हासिल की है।

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