अगर थका हुआ दिख रहा है बच्चा और ले रहा है तेज सांस तो अभिभावक हो जाएं सावधान

कोरोना महामारी की धीमी रफ्तार के बीच केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने बच्चों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। बच्चे को लगातार 5 दिन तक बुखार है, खाना कम खा रहा है और थका हुआ महसूस कर रहा है तो अभिभावक सतर्क हो जाएं। इन दशाओं में ऑक्सीजन का स्तर 95 फीसदी से कम हो गया तो बिना देरी के डॉक्टरी सलाह लें। संभव हो तो बच्चों को बुजुर्गों से दूर रखें। इसी दौरान बिना लक्षण वाले बच्चे बुजुर्गों के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकते हैं।

अपनाएं यह नियम

  • बच्चों को पीने के लिए गुनगुना पानी दें।
  • 2 साल से अधिक के बच्चों को सुबह और रात में ब्रश करवाएं।
  • 5 साल से अधिक उम्र के बच्चों को गुनगुने पानी से गरारा करवाएं।
  • तेल की मालिश करें, योग और मेडिटेशन करें।

बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए दूध में हल्दी मिलाकर दें। इसी के साथ च्यवनप्राश दें। आयुष बाल क्वाद दे सकते हैं। कोरोना संक्रमित बच्चों को लक्षणों के आधार पर अलग-अलग आयुर्वेदिक दवाएं दी जा सकती हैं। ध्यान रहे कि कोई भी दवा बिना डॉक्टरी सलाह के न दें। खाने में हरी सब्जियां और फल दें। बच्चों को समझाएं की उन्हें बाहर जाना नुकसान पहुंचा सकता है।

जारी गाइडलाइन में मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि गंभीर बीमारी जैसे मोटापा, टाइप-1 डायबिटीज, हृदय, फेफड़ा या रोग प्रतिरोधक तंत्र की तकलीफ से ग्रसित बच्चों को महामारी की तीसरी लहर में सबसे अधिक खतरा होगा। ऐसे में अभिभावकों को बच्चों को लेकर अधिक सतर्क रहना होगा। कैंसर समेत अन्य बीमारियों से ग्रसित बच्चों जिनकी दवा चल रही है उन्हें समय पर डॉक्टरी सलाह के अनुसार दवा देते रहें।

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