अखलाक हत्‍याकांड को यूपी के डीजीपी ने दिया नया मोड़

अखलाक हत्‍याकांडनोएडा। दादरी के बिसाहड़ा गांव में पिछले साल सितंबर में मोहम्मद अखलाक हत्‍याकांड में अब एक नया मोड़ आ गया है। मथुरा फोरेंसिक लैब की जांच रिपोर्ट में ये कहा गया है कि अखलाक के घर से जो मांस मिला था वो बीफ ही था। फोरेंसिक रिपोर्ट के खुलासे के बाद मामला पूरी तरह से पलट गया है।

अखलाक हत्‍याकांड में नया मोड़

अभी तक इस मामले में बैकफुट पर चल रही बीजेपी और केंद्र सरकार रिपोर्ट के खुलासे के बाद अचानक से हमलावर बन गई है। बीजेपी नेता और गोरखपुर सदर से सांसद योगी आदित्‍यनाथ ने उत्‍तर प्रदेश सरकार पर करारा हमला किया है। उन्होंने मांग की है कि इस मामले में अखलाक के परिवार पर केस दर्ज किया जाए और गिरफ्तार किए गए सभी 18 हिंदू लोगों को रिहा किया जाए। वहीं इसके साथ ही उन्‍होंने यूपी सरकार द्वारा अखलाक के परिवार को दिए गए 45 लाख के मुआवजे और एक फ्लैट को उनके परिवार से वापस लेने की बात कही है।

योगी ने कहा है कि प्रदेश में गौहत्‍या अपराध है। किसी के भी घर बीफ पकाना, रखना, काटना भी अपराध की श्रेणी में आता है।

वहीं यूपी पुलिस चीफ जावीद अहमद का भी बयान आया है। उन्होंने कहा कि लैब रिपोर्ट से केस को कोई फर्क नहीं पड़ता है, क्योंकि राज्य में बीफ खाना क्राइम नहीं है, बल्कि गौहत्या अपराध है।

फोरेंसिक रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने के बाद ये सच सामने आया कि अखलाक के घर में फ्रिज से गोमांस मिला था। लेकिन इस पर यूपी के डीजीपी का कहना है मांस के अखलाक के घर से नहीं बल्कि गांव के तिराहे से मिले थे।

इस मामले में गिरफ्तार किए गए 18 हिंदू लोगों के परिवार का कहना है कि इस पूरे मामले की नए सिरे से सीबीआई जांच होनी चाहिए। गौहत्या का मामला दर्ज होना चाहिए।

उत्तर प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि हत्यारोपियों के खिलाफ कार्रवाई होकर रहेगी। अखिलेश ने अंबेडकरनगर में कहा कि अखलाक की हत्या हुई है, उसके परिवार को इंसाफ़ मिलेगा, किसके फ्रीज में क्या रखा है, इससे फर्क नहीं पड़ता।

वहीं इस पर उत्‍तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस मामले में पीड़ित के घर कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं थी। कौन क्या खाता है, कौन क्या पहनता है, इस बारे में टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। अगर आपने अख़बार ठीक से पढ़ा होगा तो डीजीपी का भी बयान आया है कि आखिरकार जो सैंपल था, वो कहां मिला था। उसके घर पर कोई चीज़ ऐसी नहीं थी जिस पर कोई आपत्ति करे। सब चाहते हैं कि न्याय मिले। कौन क्या खाता है, पहनता है इन सबसे दूर रहना चाहिए। कानून के दायरे में रहकर सबको समान हक मिलना चाहिए।

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