सूरज के माथे पर चमकेगी बुध की बिंदिया, अक्षय तृतीया पर होगा अद्भुत संयोग

नई दिल्ली। अक्षय तृतीया पर सौ वर्ष बाद इस बार अद्भुत संयोग देखने को मिलेगा। नौ मई को सूर्य के माथे से होकर बुध ग्रह गुजरेगा। ज्योतिष के मुताबिक ऐसा संयोग एक सदी के बाद ही देखने को मिलता है। वहींं, खगोल विज्ञान इसेे हर दस साल में होने वाली सामान्य घटना मान रहा है।

अक्षय तृतीया

अक्षय तृतीया के अद्भुत योग

बुध ग्रह 9 मई को 4 बजकर 42 मिनट पर सूर्य के सामने आएगा। यह रात 12 बजकर 11 मिनट तक सूर्य के ऊपर बिंदिया की तरह चमकेगा। ज्योतिष विज्ञानी इस घटना के प्रभाव को भारत के लिए शुभ मान रहे हैं। जानकारों के मुताबिक भारतीय रुपया मजबूत होगा। देश में औद्योगिक विकास बढ़ेगा। हालांकि शादी के लिहाज से अक्षय तृतीया इस शुभ नहीं माना जा रहा।

पंडितों के अनुसार 9 मई को गुरु वक्री होगा और शुक्र अस्त हो जाएगा। इस स्थिति में विवाह का योग नहीं बन रहा। इसी वजह से 9 मई की शाम को विवाह टाले जा रहे हैं।

वहीं, पोजिशनल एस्ट्रोनोमी सेंटर के निदेशक संजीव सेन के मुताबिक बुध का गुजरना एक ऐसी खगोलीय घटना है जिसमें यह ग्रह सूर्य के एक छोर से दूसरे छोर तक यात्रा करने वाले एक छोटे से काले धब्बे के तौर पर नजर आएगा।

सेन ने बताया कि यह खगोलीय घटना उस वक्त देखी जाती है जब बुध सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है और यह तभी होता है जब तीनों एक ही पंक्ति में होते हैं। बुध सूर्य पर एक धब्बे की तरह दिखाई देता है, क्योंकि इसका कोणीय आकार पृथ्वी से देखे जाने पर सूर्य की तुलना में काफी छोटा होता है।

सेन ने बताया कि एशिया (दक्षिण-पूर्वी हिस्सों और जापान को छोड़कर) के ज्यादातर हिस्सों, यूरोप, अफ्रीका, ग्रीनलैंड, उत्तरी अमेरिका, आर्कटिक, उत्तर अटलांटिक महासागर और प्रशांत महासागर के ज्यादातर हिस्सों से बुध का यह गुजरना देखा जा सकता है। इस घटना को अगली बार 2032 में देखा जा सकेगा।

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