अंदर की बात: कंगाल पाकिस्तान को आखिर क्यों होना पड़ा भारतीय कपास और शक्कर के आयात पर लगी रोक हटाने को मजबूर?

दुनिया भर को कोरोना महामारी के चलते आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। इसी कड़ी में पाकिस्तान की भी हालत कुछ ऐसी ही है। पाकिस्तान की बात करें तो यहां आर्थिक तंगी से बुरा हाल हो रहा है। मंहगाई की मार से यहां रह रहे लोगों का बुरा हाल हो रखा है। ऐसे में पाकिस्तान अब भारत की ओर देस्ती का हाथ बढ़ाने में लगा हुआ है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि इमरान सरकार ने इस बीच दो साल पहले भारत पर लगाई पाबंदी को हटाने काबड़ा फैसला लिया है। आखिरकार पाकिस्तान को कपड़ा उद्योग को बचाने के लिए भारत पर लगाई गई शक्कर और कपास के आयात पर रोक को वापस ले लिया गया है। अब ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर किस कारण से इमरान सरकार ने इतना बड़ा कदम उठाया है?

गौरतलब है कि भारत से शक्कर और कपास का आयात रोकने से पाकिस्तान में कपड़ा उद्योग डूबने के कगार पर है वहीं शक्कर के दान आस्मान छूते जा रहे हैं। ऐसे में मंहगाई की मार झेलने से बचाव करने के लिए इमरान सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस कदम से पाकिस्तान भारत की ओर एक बार फिर से दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है। अब सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या भारत पाकिस्तान के द्वारा बढ़ाए गए दोस्ती के हाथ को थामेंगा? यदि बात करें पाकिस्तान में आर्थिक मामलों को देखने वाली संस्था इकनॉमिक को ऑर्डिनेशन काउंसिल की तो उसने पाकिस्तान में निजी क्षेत्र की कंपनियों को भारत से पांच लाख टन सफेद चीनी आयात करने की इजाजत दे दी।

पाकिस्तान की इमरान सरकार के द्वारा उठाए गए इस कदम से कयास लगाए जा रहे हैं कि इससे मंहगाई की आग पर काबू पाया जा सकता है। वहीं इसे लेकर पाकिस्तान के मंत्री का कहना है कि भारत से रिश्ते सुधारने से जनता को राहत मिले, तो यह मंजूर वित्त मंत्री हम्माद अजहर ने बताया कि पाकिस्तान भारत से चीनी, कपास और सूत का भी आयात करेगा। अजहर ने कहा कि अगर किसी देश (भारत) के साथ व्यापारिक रिश्ते सुधारने और वहां से सामान आयात करने से आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला बोझ कम होता है, तो इसमें कोई नुकसान नहीं है। इसी के साथ आगे उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी देश यानी भारत में चीनी के दाम पाकिस्तान की तुलना से बेहद कम है। वहीं अब आयात पर लगी रोक से पाकिस्तान को भी इस से लाभ हो सकेगा।

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