अंतराष्ट्रीय महिला दिवस: टीकरी बॉर्डर पर 50 हजार महिलाएं आएंगी नजर, महिला दिवस पर अपने अधिकारों की करेंगी मांग

आज महिला दिवस है,उसके अवसर पर महिलाएं एकजुट होकर टीकरी बॉर्डर पर नजर आएंगी। किसान आंदोलन को तीन महीने से अधिक समय हो चुका है। इसके बीच किसानों के प्रती कई उतार चढ़ाव आये है। मगर टिकरी बॉर्डर पर किसान जोर शोर से अड़े हुए है।इसकी असली वजह यह है कि किसानों को महिलाओं का पूरा साथ मिल रहा है।

 भारतीय किसान एकता उगराहां महिला मोर्चा की अध्यक्ष हरिंदर कौर बिंदू ने कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर अकेले टीकरी बॉर्डर पर ही बसंती चोले में लिपटी लगभग 50 हजार महिलाएं अपनी मांग को लेकर नजर आएंगी।

इस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाएं अपनी मांग बॉर्डर पर करेंगी। देश में हो रहे महिलाओं के साथ अत्याचारों पर महिलाएं बात करेंगी। हरिदर कौर बिंदू ने कहा यह आंदोलन पंजाब से चलकर दिल्ली पहुंचा अब किसान आंदोलन एक जनांदोलन बन चुका है। जिसमें हर व्यक्ति और समाज का जिक्र किया जाएगा। जिस पर अबतक बहुत अत्यारोप किया गया है।

उन्होंने कहा कि पता नहीं यह बात दुनिया को दिखाई पड़ी या नहीं लेकिन यह बात सच है कि पहले दिन से हजारों महिलाएं उगराहां के मोर्चे में डटी रहीं। जिसकी वजह से उगराहां का मोर्चा निरंतर मजबूत स्थिति में बना रहा। सोमवार को हजारों महिलाएं सरसो के पीले फूलों के रंग में रंगे बसंती लिबास में नजर आएंगी।

महिला दिवस के अवसर पर महिला किसानों के लिए ‘माए रंग दे बसंती चुन्नियां’ एक गीत तैयार किया गया है। इस गीत को सरबजोत सिंह ने बोलकर लिखा है। रागेश्री और स्मृधि ने इस गीत को आवाज दिया है। यह गीत सोशल मीडिया पर बनाए गए किसानों के अकांट पर खुब फेम्स हो रहा है।

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