साबित हो गया कि चीन भी था पुलवामा हमले का पक्षधर, मसूद को बचाने के लिए खुलकर आया सामने…

जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के राह में चीन ने एक बार फिर अड़ंगा लगा दिया है।

जिससे अमेरिका सहित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के कई सदस्य नाराज हैं। यूएनएससी के कई देश के सदस्यों ने कहा है कि चीन के इस रवैये के बाद ‘‘अन्य कदम उठाने पर मजबूर’’ हो सकते हैं।

साबित हो गया कि चीन भी था पुलवामा हमले का पक्षधर,

अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति के विचार-विमर्श गोपनीय हैं, हम किसी विशिष्ट मामलों पर टिप्पणी नहीं करते हैं। लेकिन हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबंध समिति के साथ काम करना जारी रखेंगे ताकि पदनाम सूची को अपडेट और सटीक बनाया जा सके।

चीन के संबंध में, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन क्षेत्रीय स्थिरता और शांति प्राप्त करने के लिए आपसी हित साझा करते हैं, मसूद अजहर को आतंकी घोषित न किया जाना इस लक्ष्य के उलट है।’

सुरक्षा परिषद के एक दूत ने कहा कि पाकिस्तान चीन की मदद से जैश के मुखिया अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने से कई बार बचाता रहा है। चौथी बार भी चीन ने अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने से बचाया है।

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यदि इसी तरह चीन अजहर को बचाता रहा तो सुरक्षा परिषद् के अन्य सदस्यों को सख्त रुख अपनाने पड़ेंगे। लेकिन हालात को यहां तक नहीं आना चाहिए।

वहीं एक अन्य दूत ने चीन को असामान्य कड़ी चेतावनी देते हुए समाचार एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ यदि चीन इस कार्य में बाधा पैदा करना जारी रखता है, तो जिम्मेदार सदस्य देश सुरक्षा परिषद में अन्य कदम उठाने पर मजबूर हो सकते हैं।

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